समाजसेवी अन्ना हजारे ने मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थल खजुराहो में दीवार पर लिखी दिल्ली में किए जाने वाले आंदोलन की तारीख
खजुराहो वैसे तो चंदेल राजवंश द्वारा सदियों पहले बनवाए गए मंदिरों के लिए जगत प्रसिद्ध है लेकिन रविवार को प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे ने मध्यप्रदेश के इस पर्यटन स्थल पर कुछ ऐसा कर दिया कि इसकी चर्चा दिल्ली तक में है.
खजुराहो का नाम अब सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलनसे जुड़ गया है. अन्ना ने रविवार यहां अपने हाथों से एक दीवार पर दिल्ली में किए जाने वाले आंदोलन की तारीख लिख दी. अन्ना ने 23 मार्च से शुरू होने वाले आंदोलन का नारा दे दिया. उन्होंने दीवार पर नारा लिखा- '23 मार्च को चलो दिल्ली.' अन्ना ने दीवार पर नारा लिखने के बाद कहा, "यह आंदोलन किसी दल के खिलाफ और किसी के समर्थन में नहीं है, यह जनता के हित में किया जा रहा है." अन्ना हजारे मजबूत लोकपाल विधेयक और किसानों की कर्ज माफी के लिए 23 मार्च से दिल्ली में आंदोलन शुरू करेंगे. वे मौजूदा केंद्र सरकार से खुश नहीं हैं, क्योंकि उनके अनुसार यह सरकार उद्योगपतियों का तो ख्याल रख रही है, मगर किसान उसकी नजर में नहीं हैं. खजुराहो में दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए अन्ना हजारे ने कहा, "निर्धारित कानून के खिलाफ किसानों से कर्ज पर चक्रवृद्धि ब्याज वसूला जाता है. सरकार यह जानती है, फिर भी इस पर ध्यान नहीं दे रही है. लिहाजा आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है.
खजुराहो का नाम अब सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के आंदोलनसे जुड़ गया है. अन्ना ने रविवार यहां अपने हाथों से एक दीवार पर दिल्ली में किए जाने वाले आंदोलन की तारीख लिख दी. अन्ना ने 23 मार्च से शुरू होने वाले आंदोलन का नारा दे दिया. उन्होंने दीवार पर नारा लिखा- '23 मार्च को चलो दिल्ली.' अन्ना ने दीवार पर नारा लिखने के बाद कहा, "यह आंदोलन किसी दल के खिलाफ और किसी के समर्थन में नहीं है, यह जनता के हित में किया जा रहा है." अन्ना हजारे मजबूत लोकपाल विधेयक और किसानों की कर्ज माफी के लिए 23 मार्च से दिल्ली में आंदोलन शुरू करेंगे. वे मौजूदा केंद्र सरकार से खुश नहीं हैं, क्योंकि उनके अनुसार यह सरकार उद्योगपतियों का तो ख्याल रख रही है, मगर किसान उसकी नजर में नहीं हैं. खजुराहो में दो दिवसीय राष्ट्रीय जल सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए अन्ना हजारे ने कहा, "निर्धारित कानून के खिलाफ किसानों से कर्ज पर चक्रवृद्धि ब्याज वसूला जाता है. सरकार यह जानती है, फिर भी इस पर ध्यान नहीं दे रही है. लिहाजा आंदोलन का सहारा लेना पड़ रहा है.
Harminder Singh Kitty
THE PUNJAB NES
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