मालविंदर सिंह |
दाइची सैंक्यो मामले में फोर्टिस के प्रमोटर बंधुओं मालविंदर सिंह और शिविंदर सिंह को झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने फोर्टिस की याचिका खारिज कर दी है। अब सिंह बंधुओं को 3,500 करोड़ रु. दाइची सैंक्यो को देने होंगे। दरअसल, दाइची ने रैनबैक्सी लैबोरेटरीज में सिंह बंधुओं की 34.82% हिस्सेदारी का 4.6 अरब डॉलर में 2008 में अधिग्रहण किया था। इसके बाद दाइची ने आरोप लगाया था कि सिंह बंधुओं ने अमेरिका में रैनबैक्सी पर लगे घटिया दवा बेचने के आरोप अधिग्रहण के दौरान छिपाए थे। इसके चलते 2013 में दाइची ने सिंगापुर के आर्बिट्रेशन कोर्ट में सिंह बंधुओं के खिलाफ केस किया था। मालविंदर और शिविंदर सिंह को दाइची सैंक्यो को देने होंगे 3,500 करोड़ रुपए
शिविंदर सिंह |
अप्रैल 2016 में आर्बिट्रेशन कोर्ट ने सिंह बंधुओं को क्षतिपूर्ति के तौर पर 2,562 करोड़ रु. देने का आदेश दिया। ब्याज, कानूनी फीस जोड़कर यह रकम 3,500 करोड़ रुपए हो गई थी। आर्बिट्रेशन कोर्ट के फैसले के खिलाफ सिंह बंधु दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे। उन्होंने सवाल उठाया था कि उसका फैसला भारत में कैसे लागू हो सकता है? हाईकोर्ट ने यह याचिका अब खारिज कर दी है। वहीं, दाइची सैंक्यो सिंह बंधुओं को उनके हॉस्पिटल फाेर्टिस में अपनी नियंत्रक हिस्सेदारी बेचने से रोकने के लिए जनवरी 2017 से कोशिश कर रही है। उसका कहना है कि यदि सिंह बंधुओं ने फोर्टिस के शेयर बेचे तो वह आर्बिट्रेशन के फैसले के मुताबिक पूरी रकम वसूल नहीं पाएगी। हाईकोर्ट ने पिछले साल जून में सिंह बंधुओं को फोर्टिस के शेयर इस शर्त पर बेचने की अनुमति दी थी कि फैसला दाइची के