Monday, September 24, 2018

पंजाब-हिमाचल से जम्मू तक बारिश का कहर, अब तक 11 लोगों की मौत


उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश की वजह से भूस्खलन और बाढ़ के हालात हो गए हैं. लौटते मॉनसून की इस बारिश में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और कई जगहों पर लोगों के फंसे होने की आशंका है. बारिश का सबसे ज्यादा असर हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू कश्मीर और हरियाणा पर पड़ा है.
आलम ये है कि बारिश की वजह से पंजाब में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जिसके चलते मंगलवार को राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थान बंद रखने के आदेश दिये गये हैं. जम्मू कश्मीर के डोडा और हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में स्कूल बंद रखे गए हैं. पर्यटन स्थल लाहौल स्पीति में भारी बारिश की वजह से 150 सैलानी फंस गए हैं.
पहाड़ों पर बारिश के चलते भूस्खलन से लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. प्रमुख मार्ग भूस्खलन की चपेट में आ गए हैं और बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री जाने के रास्ते बाधित हो गए हैं. साथ ही चारधाम यात्रा पर भी बारिश का बुरा असर पड़ा है.
पंजाब में 'रेड अलर्ट'
पंजाब में पिछले तीन दिन से जबरदस्त बारिश हुई और मंगलवार को भी बारिश होती रही, जिसके कारण राज्य के अधिकारियों ने बाढ़ जैसी स्थितियों से निपटने के लिये तैयारियों की समीक्षा की. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने बताया कि राज्य में किसी भी तरह के संकट से निपटने के लिये सेना को तैयार रहने के लिये कहा गया है.
कृषि विशेषज्ञों ने बताया कि पंजाब और हरियाणा में भारी बारिश से खरीफ फसलों को नुकसान पहुंच सकता है और खेतों में पानी भर सकता है. पुलिस ने बताया कि हरियाणा के अंबाला में भारी बारिश के कारण एक मकान के ढह जाने से 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई.
हिमाचल में आफत
हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश से अचानक बाढ़ आ गई जिसके कारण कांगड़ा में एक शख्स और कुल्लू में एक लड़की बह गई. कुल्लू जिले में हाई अलर्ट जारी किया गया है. वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि ब्यास नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और इसके कारण अचानक आई बाढ़ में कई घर बह गये. लोगों को नदियों और नालों के पास नहीं जाने की चेतावनी दी गई. भारतीय नौसेना की टीम ने पिछले 48 घंटे में कुल्लू जिला के डोबी में अचानक आई बाढ़ में फंसे 21 लोगों को हेलिकॉप्टर की मदद से बचाया.
हमीरपुर से बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘बारिश के कारण हुए भूस्खलन से अब तक 126 सड़कें प्रभावित हुई हैं और कई जगहों से लोगों के मरने की सूचना मिल रही है.’अधिकारियों ने बताया कि निचले इलाकों में रह रहे लोगों को वहां से निकाला गया है.
अगले 36 घंटे अहम
भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) ने पंजाब के लिये बाढ़ की चेतावनी जारी करते हुए कहा कि ब्यास नदी जल क्षेत्र में लगातार बारिश से जलस्तर बढ़ जाने के कारण पोंग बांध से अतिरिक्त पानी छोड़ा जायेगा. बीबीएमबी अधिकारियों ने कहा कि वे जलस्तर पर लगातार नजर बनाये हुए हैं.
उत्तराखंड में राजधानी देहरादून सहित अधिकतर स्थानों में बारिश हुई. राज्य आपदा अभियान केन्द्र ने बताया कि इन जिलों में करीब 45 ग्रामीण सड़कें अवरुद्ध हो गईं. इस बीच अगले 36 घंटे तक उत्तर भारत के कई हिस्सों में बारिश का अनुमान जताया गया है.
इसके अलावा राष्ट्रीय राजधानी और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के चलते जल जमाव होने से आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ा. जम्मू कश्मीर के डोडा जिला में भूस्खलन की चपेट में आने से 3 नाबालिग सहित एक ही परिवार के पांच सदस्य जमींदोज हो गये जबकि कठुआ जिला में अचानक आई बाढ़ में फंसे 29 लोगों को बचाया गया.
मौसम विज्ञान विभाग के मुताबित पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय के अलाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में मंगलवार को भी बारिश का पूर्वानुमान है.

Weather Takes A U-Turn Once Again, Floods Ruin Several Areas | ABP News

हिमाचल में भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसे हालात, पंजाब में रेड अलर्ट

हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश के कारण अचानक बाढ़ आने से पानी में बह जाने के कारण कांगड़ा और कुल्लू में क्रमश: एक पुरुष और एक लड़की की मौत हुई। अधिकारियों ने कुल्लू जिले के लिए 'हाई अलर्ट जारी किया है। जिला प्रशासन ने बताया कि मूसलाधार बारिश के बाद नदियों में जल स्तर बढ़ने पर कांगड़ा जिले में उफान पर नजर आ रही नाहड़ खाड़ (छोटी नदी) में एक व्यक्ति के बह जाने से उसकी मौत की आशंका जताई जा रही है।

मौसम अलर्ट: दिल्ली में बारिश, पंजाब-हरियाणा में वर्षा से फसलें चौपट, उत्तराखंड व हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश

वहीं पंजाब सरकार ने राज्य में भारी बारिश के मद्देनजर सोमवार को 'रेड अलर्ट जारी किया और जिला प्रशासन से सतर्कता बनाए रखने की अपील की। मुख्यमंत्री कार्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बाढ़ जैसी स्थिति से निपटने के लिए व्यवस्था की समीक्षा करने के लिए सोमवार को एक बैठक भी बुलाई है।उन्होंने बताया, ''राज्य में मूसलाधार बारिश के मद्देनजर रेड अलर्ट जारी किया गया है।

https://www.youtube.com/watch?time_continue=41&v=kwb2rgSS4u4

VIDEO: मनाली में नदी का तांडव, कटती गई जमीन, कई किलोमीटर तक बही बस

हिमाचल में भारी बारिश
हिमाचल राज्य के वन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि एक अन्य घटना में कुल्लू के बजौरा में 14 साल की एक लड़की पानी में बह गई जिससे उसकी मौत हो गई। मंत्री ने कुल्लू जिले के कई प्रभावित इलाकों का दौरा किया और मृतका के परिजन से मिलकर शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि व्यास में अचानक आई बाढ़ के कारण कई घर भी बह गए। व्यास नदी खतरनाक स्तर पर बह रही है। उन्होंने कहा कि लोगों को लकड़ियां आदि इकट्ठा करने के लिए नदियों या नालों के पास नहीं जाना चाहिए।
     
अधिकारियों ने बताया कि कांगड़ा, चंबा, कुल्लू और मंडी जिलों सहित अन्य स्थानों पर निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। उनसे सतर्क रहने को भी कहा जा रहा है, क्योंकि नदियों और नालों में जल स्तर बढ़ रहा है। पुलिस अधीक्षक मोनिका भुटुनगुरू ने बताया कि चंबा में रावी नदी अब भी खतरनाक स्तर पर है और प्रशासन रविवार से ही लोगों को निचले इलाकों से निकाल रहा है।
       
कांगड़ा के उपायुक्त संदीप कुमार ने अधिकारियों और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को अलर्ट कर दिया है कि पांडो जलाशय से पानी छोड़ा जाएगा। बाढ़ की चेतावनी जारी करते हुए भाखड़ा व्यास प्रबंधन बोर्ड ने कहा कि पोंग बांध से अत्यधिक पानी छोड़ा जाएगा, क्योंकि भारी बारिश के कारण जलाशय के जलग्रहण क्षेत्रों में पानी लबालब भर गया है।
       
मौसम विभाग ने मध्यम ऊंचाई की पहाड़ी वाले इलाकों और मैदानी इलाकों में भारी बारिश का पूर्वानुमान किया है जबकि ऊपरी पवर्तीय क्षेत्रों में बर्फबारी का पूर्वानुमान किया है। शिमला के मौसम केंद्र के निदेशक मनमोहन सिंह ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मध्यम से लेकर भारी बारिश हो रही है।

Rain, cloudburst block many highways in Himachal; red alert in Punjab

In Jammu and Kashmir’s Kathua district at least 29 people were rescued Monday morning after they were stranded in flash floods following incessant rains.


Heavy rains in parts of Jammu and Kashmir and Himachal Pradesh killed six people and blocked roads, said officials on Monday
At least five people were killed in a landslide in a remote area of Doda district in Jammu and Kashmir. A man was feared dead after he was swept away in a swollen rivulet in Kangra district in Himachal Pradesh and five people were reported missing after their car was washed away in Manali.
“A mud house of nomads was hit by a landslide in which five people including two females and three males died this morning,” said Doda deputy commissioner Simrandeep Singh.
Three of the dead are minors. A compensation of Rs 4 lakh for the next of kin of the each of the dead, he added. The dead hailed from Bhatoli village in Gandoh area. Two other persons escaped unhurt. In Kathua district, at least 29 people were rescued after they were stranded in flash floods following incessant rains.
“A total of 29 people including six women and 10 children, were rescued from various flood-hit areas of Kathua district during overnight operations,” said a police officer.
Heavy rain lashed several areas of Himachal Pradesh on Monday with the weatherman issuing ‘high alert’ for Kullu.
The Indian Air Force rescued two persons who were stranded near in Kullu district’s Nagwain area due to heavy rainfall in Himachal Pradesh which has resulted in flash floods. On Sunday, an IAF helicopter had rescued 19 people stranded at Dobi in Kullu district after flash floods.
The Army has been called to rescue two persons stranded due to flash floods in Kangra district, an official said Monday.
They are stranded at Saurabh Van Vihar, a park, in Palampur. Two scooters and a car were washed away in the flash floods in the area, he said.
“Two persons are stuck there. Fire brigade and rescue teams are at the spot. They are waiting for the water level to recede. The Kangra district administration made a requisition to the Army Monday morning to rescue them,” the official said.
Many roads including several national highways have been blocked due to landslides across the state. The tourist town of Manali has been cut off from district headquarters Kullu and rest of the state after an overflowing Beas river submerged roads on either side of the river after torrential rain during the last 24 hours.
Schools in most districts were closed Monday.
According to data recorded at 8.30 am at the Shimla Met Centre, Dalhousie in Chamba district experienced 170 mm rain in the past 24 hours, followed by Chamba 117 mm, Manali 121 mm, Kangra 120.8 mm, Palampur 108 mm, Dharamshala 62.6 mm and Una 62 mm. State capital Shimla experienced 23.1 mm rainfall.
Yunus Khan, Deputy Commissioner of Kullu district issued a ‘high alert’ warning the public not to go near rivers and nullahs as flood-like situation prevailed.
A truck and a bus were washed away on Sunday even when the water level in the Beas river rose sharply near Aut on the Manali-Chandigarh highway.
The Chandigarh-Manali national highway has also been blocked at Dwada and Aut after the water spilled into the road. Late Sunday, district authorities in Kullu rescued 22 people who were stuck at Raisan near Manali while 26 people were rescued from Dobhi.
Authorities opened the gates of four dams including Larji, Pandoh and Sanan in Mandi and Chamera in Chamba which worsened the situation downstream.
Flooded rivers have caused widespread damage in Kangra and Chamba districts as well. At least half a dozen villages have been evacuated near Chamba town while students of Javahar Navodya Vidyalya (JNV) at Sarol have also been shifted to other places.
Widespread rain and snowfall in higher altitudes brought down the mercury. Keylong in Lahaul and Spiti district shivered below the freezing point, according to the Meteorological Centre.
In Lahaul and Spiti which has been snowed out, nine researchers, who had gone to 5480-meter high Gangstang glacier have reportedly gone missing. They belonged to West Bengal and efforts are on to trace them.
Harminder Singh kitty
9814060516

Sunday, September 23, 2018

Narendra Modi rolls out Ayushman Bharat scheme, calls it ‘game changer’

Narendra Modi rolls out Ayushman Bharat scheme, calls it ‘game changer’
he Ayushman Bharat–Pradhan Mantri Jan Aarogya Yojana, which aims to benefit 500 million people, could be a key factor for BJP in run-up to 2019 Lok Sabha elections
Prime Minister Narendra Modi on Sunday rolled out the ambitious Ayushman Bharat–Pradhan Mantri Jan Aarogya Yojana (AB-PMJAY) in Ranchi, Jharkahnd.
The insurance scheme aims to provide an annual health cover of ₹5 lakh per family for secondary and tertiary care hospitalization. The programme, which will benefit about 100 million poor households, or 500 million people, is touted by the Bharatiya Janata Party (BJP)-led National Democratic Alliance (NDA) government as the world’s largest healthcare programme.
“People are calling the scheme Modicare, and by other names, but for me, it is an opportunity to serve the poor. This scheme that comes into effect from Sunday, is the world’s biggest health assurance scheme and will be a game changer,” said Modi.
“The number of beneficiaries of this scheme is roughly equal to the population of the European Union, or the population of America, Canada and Mexico, taken together.” The PM added that it will be a case study for countries across the world.
Modi said that without empowering the poor, previous governments had indulged in “vote bank politics” and it is his government, which is focused on empowering the poor.
Reiterating the slogan sabka saath, sabka vikas, the Prime Minister said that the Ayushman Bharat scheme is not based on any communal or caste lines. “The programme will not differentiate between people, based on religion, caste, location. The poor of my country must get all facilities that the rich enjoy.”
The beneficiaries have been sent a two-page customized letter from the Prime Minister, outlining the importance and benefits of the cashless and paperless project. Earlier in the day, the PM distributed token health cards to some of the beneficiaries at the Prabhat Tara Maidan in Ranchi. The scheme was originally announced in the Union budget in February.
The scheme is estimated to cost about ₹12,000 crore annually. “It will cover 1,300 illnesses, including serious illnesses such as cancer and heart disease, and pre-existing illnesses. Private hospitals, too, will be part of this scheme. The amount of ₹5 lakh will cover investigations, medicine and pre-hospitalization expenses, etc.,” he added.
Union health minister J.P. Nadda said, “Ayushman Bharat will bring a paradigm shift in the country’s health sector. A ‘golden card’ will ensure their cashless treatment. In case a person does not have a card, he or she will be treated in any one of the 13,000 hospitals, which are part of the Ayushman Bharat scheme, after taking the person’s thumb impression.”
Anupama Joshi, partner, Deloitte India, said, “As the scheme has been launched, it is expected to create additional hospital infrastructure by private sector and NGOs in areas where health facilities offering even secondary healthcare were non-existent. It will also help in creation of direct and indirect employment for many in hospitals, pharma industry, medical devices, transportation, civil infrastructure, among others,” she said.
More than 13,000 hospitals across the country have joined the scheme so far. Information regarding the scheme is available on dialling 14555, or at the common service centres. The objective is to reduce out-of-pocket hospitalisation expenses, fulfil unmet needs and improve access of identified families to quality inpatient care and day care surgeries.
The beneficiaries will be able to move across borders and access services across the country through the provider network seamlessly. The ministry of health and family welfare has included 1,354 packages in the scheme under which treatment for coronary bypass, knee replacements and stenting, among others, will be provided at 15-20% cheaper rates than Central Government Health Scheme (CGHS).
The scheme will target the poor and deprived rural families and identified occupational category of urban workers’ families comprising 80.3 million rural and 23.3 million urban households, according to the latest Socio-Economic Caste Census (SECC) data. The 11 occupational categories of workers include rag pickers, beggars, domestic workers, street vendors, cobblers, hawkers, other service providers working on streets, construction workers, plumbers, masons, labours, painters, welders, security guards, coolies and other head-load workers and sanitation workers.
Modi had announced the launch of the scheme from the ramparts of the Red Fort during his Independence Day speech on the occasion of Deendayal Upadhyay’s birth anniversary.
Till now, 31 states and Union territories (UTs) have signed the MoUs with the centre for implementation the programme. Remaining states and UTs, including Telangana, Odisha, Delhi, Kerala and Punjab, have not signed i
Harminder Singh Kitty
The Punjab News
9814060516

Alcohol causes one in 20 deaths worldwide, warns World Health Organisation

Alcohol causes one in 20 deaths worldwide, warns World Health Organisation

Alcohol is the root cause of more than one in 20 deaths across the world, with more than three quarters of them among men, a new report by the World Health Organisation reveals.
A total of 3 million people die as a result of “harmful use of alcohol” every year, the organisation said, representing 5.3 per cent of all deaths. In 2016, about 2.3 million were among men

सीएमसी डॉक्टर ने 1 दिन की बच्ची को बचाया और साबित किया कि "डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं"

                       लुधियाना (द पंजाब न्यूज एचएस किट्टी)   25 फरवरी 2023 को अस्पताल के बाहर एलएससीएस द्वारा कुछ घंटे की नवजात बच्ची का...