स्वस्थ रीढ़ के तीन गुण सीधी, मजबूत और लचीली
रीढ़ बुढ़ाने के संकेत व लक्षण
- कमर व पीठ दर्द
- कमर व गर्दन में अकड़न
- पैरों में दर्द व चलने में परेशानी
- पैर और बाजू में झनझनाहट व सुन्नता
- पैर व बाजुओं में कमजोरी
- चाल में अनियमितता
- बार-बार शरीर का ढीला पड़ना
- कुछ क्रियाएं करने में परेशानी होना
- जैसे हाथ से लिख ना पाना
- पीठ की मुद्रा में अनियमितता
- रीढ़ के जोड़ों में दर्द।
रीढ़ स्वस्थ रखने के 6 तरीके
सामान सही ढंग से उठाएं: गलत मुद्रा में सामान उठाना पीठ में तेज दर्द का कारण बन सकता है, जिससे डिस्क के चोटिल होने व रीढ़ में फ्रेक्चर की आशंका बढ़ जाती है। सामान उठाने के अलावा उठते-बैठते समय रीढ़ को सहज मुद्रा में रखना जरूरी होता है। क्षमता से अधिक सामान उठाना व पीठ को झुकाकर रखना रीढ़ पर दबाव डालता है।
नींद पूरी करें: सोते समय रीढ़ को आराम दें। एक ही मुद्रा में न लेटें। पीठ के बल लेटना, पीठ व कमर की मांसपेशियों को आराम देता है और रीढ़ की हड्डी की सामान्य मुद्रा को बनाए रखता है। वहीं करवट लेकर सोना रीढ़ को सहारा देने वाले लिगामेंट्स व पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों को आराम देता है। पेट के बल लेटना, पेट की मांसपेशियों को टोन करता है। सोते समय आधा समय पीठ के बल लेटें, 20 % सीधी व उलटी करवट व शेष समय पेट के बल लेटें। सोते समय रीढ़ व गर्दन के सामान्य घुमाव पर दबाव न डालें।
पेट को अंदर रखें: रीढ़ की सेहत बहुत हद तक पेट की मांसपेशियों पर निर्भर करती है। पेट में अधिक वसा मांसपेशियों पर खिंचाव डालती है और उन्हें कमजोर बनाती है। इससे रीढ़ के जोड़ कमजोर होते हैं व रीढ़ में अनियमितता का जोखिम बढ़ जाता है। पेट पर अधिक वसा शरीर के भाग को आगे की तरफ शिफ्ट करती है, जिससे पीठ व कमर पर दबाव बढ़ जाता है।
धूम्रपान न करें: हड्डियों व मांसपेशियों की अच्छी सेहत के लिए ऑक्सीजन का सही स्तर बनाए रखने की जरूरत होती है। निकोटिन खून में ऑक्सीजन की मात्रा को कम कर देता है, जिससे रीढ़ के जोड़ों की अंदरूनी डिस्क पर असर पड़ता है। यह डिस्क की प्रोटीन संरचना पर भी असर डालता है।
रीढ़ को खिलाएं सही भोजन: प्रोटीन व कैल्शियम से भरपूर आहार ओस्टियोपोरोसिस से बचाव करता है। रीढ़ को मजबूत बनाता है, जिससे रीढ़ के आकार में बदलाव व फ्रेक्चर का जोखिम कम हो जाता है। हड्डियों की सेहत के लिए जरूरी विटामिन डी के लिए हर रोज कुछ समय सूरज की धूप में बिताएं। भरपूर पानी पिएं। इससे जोड़ों के मुलायम टिश्यू व कोशिकाओं का लचीलापन बना रहता है और जोड़ों में तरलता रहती है।
DR ANUPREET BASSI
(MBBS MS ORTHOPAEDICS )
(Spine & Disc Replacement Surgeon)M 81462221133
No comments:
Post a Comment