मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार | ‘मन की बात’ का, इस वर्ष का यह आख़िरी कार्यक्रम है और संयोग देखिए कि आज, वर्ष 2017 का भी आख़िरी दिन है | इस पूरे वर्ष बहुत सारी बाते हमने और आपने share की | ‘मन की बात’ के लिए आपके ढ़ेर सारे पत्र, comments , विचारों का ये आदान-प्रदान, मेरे लिए तो हमेशा एक नई ऊर्जा लेकर के आता है | कुछ घंटों बाद, वर्ष बदल जाएगा लेकिन हमारी बातों का यह सिलसिला आगे भी इसी तरह जारी रहेगा | आने वाले वर्ष में हम, और नयी-नयी बातें करेंगे, नये अनुभव share करेंगे | आप सबको 2018 की अनेक-अनेक शुभकामनाएँ | अभी पिछले दिनों 25 दिसम्बर को विश्वभर में क्रिसमस का त्योहार धूमधाम से मनाया गया | भारत में भी लोगों ने काफी उत्साह से इस त्योहार को मनाया | क्रिसमस के अवसर पर हम सब ईसा मसीह की महान शिक्षाओं को याद करते हैं और ईसा मसीह ने सबसे ज़्यादा जिस बात पर बल दिया था, वह था - “सेवा-भाव” | सेवा की भावना का सार हम बाइबल में भी देखते हैं |
The Son of Man has come, not to be served,
But to serve,
And to give his life, as blessing
To all humankind.
यह दिखाता है कि सेवा का माहात्म्य क्या है ! विश्व की कोई भी जाति होगी, धर्म होगा, परम्परा होगी, रंग होंगे लेकिन सेवाभाव, ये मानवीय मूल्यों की एक अनमोल पहचान के रूप में है | हमारे देश में ‘निष्काम कर्म’ की बात होती है, यानी ऐसी सेवा जिसमें कोई अपेक्षा न हो | हमारे यहाँ तो कहा गया है – “सेवा परमो धर्मः” | ‘जीव-सेवा ही शिव-सेवा’ और गुरुदेव रामकृष्ण परमहंस तो कहते थे – शिव-भाव से जीव-सेवा करें यानी पूरे विश्व में ये सारे समान मानवीय मूल्य हैं | आइए, हम महापुरुषों का स्मरण करते हुए, पवित्र दिवसों की याद करते हुए, हमारी इस महान मूल्य परम्परा को, नयी चेतना दें, नयी ऊर्जा दें और ख़ुद भी उसे जीने का प्रयास करें
मेरे प्यारे देशवासियो, यह वर्ष गुरुगोविन्द सिंह जी का 350वाँ प्रकाश पर्व का भी वर्ष था | गुरुगोविन्द
सिंह जी का साहस और त्याग से भरा असाधारण जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है | गुरुगोविन्द सिंह जी ने महान जीवन मूल्यों का उपदेश दिया और उन्हीं मूल्यों के आधार पर उन्होंने अपना जीवन जिया भी | एक गुरु, कवि, दार्शनिक, महान योद्धा, गुरुगोविन्द सिंह जी ने इन सभी भूमिकाओं में लोगों को प्रेरित करने का काम किया | उन्होंने उत्पीड़न और अन्याय के विरुद्ध लड़ाई लड़ी | लोगों को जाति और धर्म के बंधनों को तोड़ने की शिक्षा दी | इन प्रयासों में उन्हें व्यक्तिगत रूप से बहुत कुछ गँवाना भी पड़ा | लेकिन उन्होंने कभी भी द्वेष की भावना को जगह नहीं दी | जीवन के हर-पल में प्रेम , त्याग और शांति का सन्देश - कितनी महान विशेषताओं से भरा हुआ उनका व्यक्तित्व था ! ये मेरे लिए सौभाग्य की बात रही कि मैं इस वर्ष की शुरुआत में गुरुगोविन्द सिंह जी 350वीं जयन्ती के अवसर पर पटनासाहिब में आयोजित प्रकाशोत्सव
में शामिल हुआ | आइए, हम सब संकल्प लें और गुरुगोविन्द सिंह जी की महान शिक्षा और उनके प्रेरणादायी
जीवन से, सीख लेते हुए जीवन को ढालने का प्रयास करें |
एक जनवरी, 2018 यानी कल, मेरी दृष्टि से कल का दिन एक special दिवस है | आपको भी आश्चर्य होता होगा, नया वर्ष आता रहता है, एक जनवरी भी हर वर्ष आती है, लेकिन जब, special की बात करता हूँ तो सचमुच में मैं कहता हूँ कि special है! जो लोग वर्ष 2000 या उसके बाद जन्मे हैं यानी 21वीं सदी में जिन्होंने जन्म लिया है वे एक जनवरी, 2018 से eligible voters बनना शुरू हो जाएँगे | भारतीय लोकतंत्र, 21वीं सदी के voters का, ‘New India Voters’ का स्वागत करता है | मैं, हमारे इन युवाओं को बधाई देता हूँ और सभी से आग्रह करता हूँ कि आप स्वयं को voter के रूप में register करें | पूरा हिन्दुस्तान आपको 21वीं सदी के voter के रूप में स्वागत करने के लिए लालायित है | 21वीं सदी के voter के नाते आप भी गौरव अनुभव करते होंगे | आपका वोट ‘New India’ का आधार बनेगा | वोट की शक्ति, लोकतंत्र में सबसे बड़ी शक्ति है | लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए ‘वोट’ सबसे प्रभावी साधन है | आप केवल मत देने के अधिकारी नहीं बन रहे हैं | आप 21वीं सदी का भारत कैसा हो? 21वीं सदी के भारत के आपके सपने क्या हों? आप भी तो भारत की 21वीं सदी के निर्माता बन सकते हैं और इसकी शुरुआत एक जनवरी से विशेष रूप से हो रही है | और आज अपनी इस ‘मन की बात’ में, मैं 18 से 25 वर्ष के ऊर्जा और संकल्प से भरे हमारे यशस्वी युवाओं से बात करना चाहता हूँ | मैं इन्हें ‘New India Youth’ मानता हूँ | New India Youth का मतलब होता है - उमंग, उत्साह और ऊर्जा | मेरा विश्वास है कि हमारे इन ऊर्जावान युवाओं के कौशल और ताक़त से ही हमारा ‘New India’ का सपना सच होगा | जब हम नए भारत की बात करते हैं तो, नया भारत जो ये जातिवाद, साम्प्रदायवाद,
आतंकवाद, भ्रष्टाचार के ज़हर से मुक्त हो | गन्दगी और ग़रीबी से मुक्त हो | ‘New India’ - जहाँ सभी के लिए समान अवसर हों, जहाँ सभी की आशा–आकांक्षाएँ पूरी हों | नया भारत, जहाँ शांति, एकता और सद्भावना ही हमारा guiding force हो | मेरा यह ‘New India Youth’ आगे आए और मंथन करे पंजाब और उत्तर-भारत में लोहड़ी का आनंद होता है तो यू.पी.-बिहार में खिचड़ी और तिल-संक्रांति की प्रतीक्षा रहती है | राजस्थान में संक्रांत कहें, असम में माघ-बिहू या तमिलनाडु में पोंगल - ये सभी त्योहार अपने आप में विशेष हैं और इनका अपना-अपना महत्व है | यह सभी त्योहार प्राय: 13 से 17 जनवरी के बीच में मनाए जाते हैं | इन सभी त्योहारों के नाम अलग-अलग, लेकिन इनका मूल-तत्व एक ही है - प्रकृति और कृषि से जुड़ाव |
सभी देशवासियो को इन त्योहारों की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ हैं | एक बार फिर से आप सभी को नव-वर्ष 2018 की ढ़ेरों शुभकामनाएँ |
बहुत-बहुत धन्यवाद प्यारे देशवासियो | अब 2018 में फिर से बात करेंगे|
धन्यवाद |
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