क्रॉनिक किडनी डिजीज होने
पर व्यक्ति की
दोनों किडनियों के
फेल होने के
साथ ही जान
जाने का खतरा
रहता है, इसलिए
बेहतर है कि
कुछ सावधानियां बरतते
हुए इस स्टेज
पर पहुंचने से
रोका जाए।
क्रॉनिक किडनी डिजीज वह
स्थिति है जब
व्यक्ति की दोनों
किडनियां धीरे-धीरे
काम करना बंद
कर देती हैं।
इस बीमारी का
सबसे खतरनाक पक्ष
यह है कि
इससे पीड़ित व्यक्ति
को तब तक
इसके लक्षणों का
एहसास तब होता
है जब किडनी
की कार्यक्षमता 25 प्रतिशत
तक गिर चुकी
होती है। इस बीमारी के कारण शरीर में से टॉक्सिन्स व अन्य पदार्थ फिल्टर
नहीं हो पाते हैं, ऐसे में शरीर में ये जमा होने लगते हैं जो बाकी के अंगों पर भी असर
डालते हैं। यह व्यक्ति के लिए और घातक स्थिति पैदा कर देते हैं। किडनी फेल होने की
स्थिति में डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट का सहारा लेना पड़ता है। कैसे बचें
* ब्लड प्रेशर व डायबीटीज
किडनी की बीमारी
की बड़ी वजह
होते हैं। ऐसे
में बीपी और
शुगर की मात्रा
को कंट्रोल करें।
* खून में क्रिएटिनीन
की जांच और
यूरीन की जांच
समय-समय पर
करवाएं ताकि बीमारी
को शुरुआती स्टेज
में पकड़ा जा
सके।
परिवार में यदि
कोई पहले इस
बीमारी से पीड़ित
रह चुका है
तो ज्यादा अलर्ट
रहें।
* वजन को नियंत्रित
रखें। ज्यादा मोटापा
किडनी के फंक्शन
पर भी असर
डालता है जो
बीमारी का रूप
ले सकता है।
* व्यायाम को जीवनशैला
का हिस्सा बनाएं।
रोजाना करीब 30 मिनट एक्सर्साइज
जरूर करें इससे
किडनी को टॉक्सिन्स
फिल्टर करने में
मदद मिलेगी और
उस पर पड़ने
वाला दबाव कम
होगा
* सब्जियों,
सलाद और फलों
को अपनी डायट
का हिस्सा बनाएं।
* फास्ट फूड व
ज्यादा तेल-मसाले
की चीजों को
खाने से बचें।
* चीनी और नमक
की मात्रा को
नियंत्रित करें।
* रोजाना पर्याप्त पानी जरूर
पीएं। पानी की
कमी किडनी के
फिल्टर सिस्टम पर बुरा
असर डालती है,
इसलिए लिक्विड इनटेक
बनाए रखें।
* सिगरेट, तंबाकू, शराब आदि
नशे से दूरी
रखें।
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