जानिए आँखों की लेज़र
सर्जरी के बारे
में! -डॉ मनीषा
महिंद्रा
आज के बदलते लाइफस्टाइल के साथ हर किसी की आँखों की रोशनी पर गहरा असर पड़ता दिखाई दे रहा है। एक समय था, जब चश्मा बढ़ती उम्र के लोगों को लगता था लेकिन अब 5 साल के बच्चों को भी चश्मा लग जाता है। लेकिन घबराने की कोई बात नहीं हैं क्योंकि साइंस ने इसका भी इलाज निकाल लिया है। 18 साल की उम्र के बाद आँखों का ऑपरेशन या सर्जरी करावा सकते हैं, जिसके बाद बिना चश्मे के देख पाना संभव होगा। इस सर्जरी का नाम है लेसिक।
लेसिक सर्जरी क्या है?
किसी भी व्यक्ति
को आँखों की
रोशनी से जुड़ी
किसी भी तरह
की समस्या हो
जैसे कि दूर
या पास का
दिखाई न देने
पर चश्मे का
प्रयोग करना या
लेंस लगाना आदि।
उन व्यक्तियों के
लिए लेसिक सर्जरी
की जाती है,
जिससे उनकी आँखों
पर लगा चश्मा
या लेंस हमेशा
के लिए उतर
जाएँ। लेकिन जिन
लोगों की नज़र
अधिक कमज़ोर होती
है उनके लिए
यह सर्जरी उपयोगी
नहीं है।
लेसिक सर्जरी की प्रकिया
क्या है?
लेज़र सर्जरी की प्रक्रिया
में कुल 15 मिनट
लगते हैं और
व्यक्ति को 1 से
2 घंटे तक ही
अस्तपताल में रहना
होता है। इस
प्रक्रिया को करने
का तरीका कुछ
इस प्रकार है-
सबसे पहले व्यक्ति
की आँखों में
आई-ड्राप डालकर
सुन्न किया जाता
है और एक
दवाई खाने को
दी जाती है।
डॉक्टर व्यक्ति की पलकों
की झपकने की
प्रक्रिया को रोकने
के लिए लिड
स्पेकुलम (उपकरण का नाम)
का इस्तेमाल करते
हैं।
फिर आँखों को स्थिर
रखने के लिए
एक डिवाइस का
इस्तेमाल करते हैं
जिससे व्यक्ति को
आँखों पर हल्का
दबाव महसूस हो
सकता है।
आँखों के कॉर्निया
में एक फ्लैप
बनाकर, उसमें कंप्यूटर नियंत्रित
एक्सीमर लेज़र को
सीधा आँखों पर
प्रकाश स्पंदित किया जाता
है।
फिर कॉर्निया को दोबारा
से आकृति में
लाया जाता है।
आखिर में सर्जन
कॉर्निया फ्लैप को फिर
से स्थापित करते
हैं और यह
कुछ ही घंटों
में ठीक होना
शुरू हो जाता
है।
लेज़र सर्जरी के फायदें-
आँखों की रोशनी
बेहतर रूप से
काम करती है।
इस सर्जरी के समय
व्यक्ति को दर्द
बेहद कम होता
है।
सर्जरी के बाद
व्यक्ति की आँखों
की रोशनी तुरंत
या एक दिन
बाद ही पहले
से बेहतर हो
जाती है।
लेज़र सर्जरी के बाद
बढ़ती उम्र में
जल्दी आँखों की
रोशनी पर प्रभाव
नहीं पड़ता।
यह सर्जरी पूरी तरह
से सुरक्षित है।
लेज़र सर्जरी के पहले
और बाद में
रखें सावधानियां-
सर्जरी के 1 हफ्ते
पहले से न
पहने लेंस।
सर्जरी के दो
हफ्तों तक स्विमिंग,
स्कूबा ड्राइविंग आदि न
करें।
कोशिश करें कि
2 हफ्तों तक धूल
आदि आँखों में
न जाए।
महिंद्रा नेत्र केंद्र
पाहवा धर्मशाला के पास
लुधियाना
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