लेकिन बैंक ने इस बात को स्वीकार किया कि "इसमें बैंक के कर्मचारी और खाताधारकों की मिलीभगत है." इस मामले में बैंक ने लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,
"घोटाला
2011 से ही चल रहा था. लेकिन 3 जनवरी को ये उजागर हुआ. संबंधित एजेंसियों को इसकी जानकारी दी गई."ये घोटाला 2011 से 2018 तक चलता रहा और इन सात सालों में करोड़ों का ट्रांज़ैक्शन हो गया. इसमें जाने माने हीरा व्यापारी नीरव मोदी का नाम सामना आ रहा है.
कांग्रेस ने भी सरकार और प्रधानमंत्री मोदी से पूछा,
"हर ऑडिटर और हर जांचकर्ता की आंख की नीचे से हज़ारों करोड़ रुपये का बैंकिंग घोटाला कैसे छूट गया. क्या ये नहीं दिखाता कि कोई बड़ा आदमी इस घोटाले को संरक्षण दे रहा था."
Harminder Singh Kitty
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